सिनेमा की महिला के इस खंड में यह बताने का प्रयास किया जाएगा की समय के प्रवाह में सिनेमा में काम करने की लक्ष्मण रेखा जो पतिता यानि वेश्यायों ने रखी थी उसको पार करने का काम बाद में न केवल भारत सुंदरी ने किया वरन विश्व सुन्दरियों के साथ-साथ अब यह विश्व के तमाम सुंदरियों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है. सिनेमा के प्रारंभ में ख़ास कर महिला कलाकारों की तो घोर आभाव थी.समकालीन परिदृश्यों में महिलाओं का सिनेमा में काम करना तो दूर मंच पर किसी भी रूप में कलामंच पर आना असभ्य आचरण का लक्षण माना जाता था.महिलायों के लिए सामाजिक तौर पर एक लक्ष्मण रेखा बनी हुई थी कि कोई भी महिला सिनेमा में काम नहीं करेगी.उस दौर में महिला का सिनेमा में काम करना बेहद लज्जाजनक माना जाता था.पहली फिल्म की नायिका के लिए बहुत प्रयास के बाद भी कोई महिला तैयार नहीं हो पाई.जब निर्देशक ने यह प्रस्ताव वेश्यायों के पास ले गए तो उन्होंने विनम्रता पूर्वक कहा की “यह जरुर है की हम पतिता अवश्य है,परन्तु इतने भी पतित नहीं हैं की सिनेमा में काम करें”तब के समाज की यह लक्ष्मण रेखा थी की कोई भी महिला सिनेमा में जाना नहीं चाहती थी परन्तु दौर बदला और सिनेमा की महिलायों ने इस लक्ष्मण रेखा को तोड़ा और एक नहीं रेखा खींची.
1913 का वो दौर था जब पतिता भी सिनेमा में काम करने को मना करती थी और एक और दौर प्रारंभ हुआ, जब भारत सुंदरी इसमें आकर अभिनय करने लगी.यह सिलसिला प्रारंभ होता है 1952के भारत सुंदरी नूतन के प्रवेश से जिन्होंने सीमा,मिलन,सुजाता,अनाड़ी,सरस्वतीचंद,मैं तुलसी तेरे आँगन की जैसे फिल्मों में अभिनय किया. इसके बाद 1970 में मिस एशिया पैसेफिक पुरस्कार जीतकर जीनत अमान ने हलचल,हंगामा,हरे रामा-हरे कृष्णा,हीरा पन्ना जैसी फिल्मों में अभिनय किया.इसके बाद 1980 की भारत सुंदरी संगीता बिजलानी ने फिल्म हथियार से 1981की भारत सुंदरी मीनाक्षी शेषाद्री ने पेंटर बाबू और 1984 की जुही चावला ने क़यामत से क़यामत तक,1993 की भारत सुंदरी ने जब प्यार किसी से होता है से अभिनय प्रारंभ किया.1994 में भारत सुंदरी सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स और एश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनी,जिन्होंने लगभग 1996-1997 से सिनेमा में अभिनय करना प्रारंभ किया.ऐश्वर्या राय ने तमिल फिल्म इरुवर और सुष्मिता सेन ने फिल्म दस्तक से अपना फ़िल्मी जीवन प्रारंभ किया.1999की भारत सुंदरी गुल पनाग ने 2003 में धूप फिल्म से फ़िल्मी जीवन प्रारंभ किया.