गुरुवार, 19 जून 2014

पीपली लाइव के राकेश को अब मत मारो





        पीपली लाइव के राकेश को अब मत मारो
                     बहुत शोर सुनते थे पहलू मे दिल का, काटा तो कतरा-ए-खूं निकला।





मीडिया मे अभी ठीक से आया ही नहीं और मीडिया की सारी बाते खुल कर आ रही है. मीडिया पीपली लाइव के किसान की आत्महत्या की खबर को कवर कर के अपनी टी.आर .पी तो बढ़ा सकता है ,परन्तु अगर सच का कोई नत्था सामने आ जाय तो मीडिया की रिपोर्टिंग का सारा एंगल ही बदल जाता है।
                                    टप्पल के किसान जब दिल्ली मे अपनी मांगो को रखने के लिए आये तो यह मीडिया जो पीपली लाइव के पीछे भागने वाला है, सच के नत्था को देख कर नकारात्मक रिपोर्टिंग करने मे जुट गया। उस दिन सभी लोग इस खबर को तानने मे लग गए कि आज शहर के लोगो को बहुत दिक्क़त का सामना करना पड़ा । किसी ने यह बताने की कोशिश नहीं की कि ये नत्था किस कारण यहां शहर के लोगो को परेशान करने के लिए आये थे. मीडिया ने पूरी तरह नकारात्मक खबर कवर की क्योकि यह शहर वाले ही तो टी आर पी मे ज्यादा योगदान करते है - क्यों मीडीया वाले किसानो के सही बात को कवर कर के दर्शको को बताएं, उसने तो इनकी परेशानियों का सबब बनने का काम किया।
          मीडिया ने बताया कि ये नत्था शहर में आकर दिन में पार्को में दारु पी रहे थे (शहर वाले तो रात मे पीते है ), यौन कर्मियों के यंहा दिन के उजाले मे भीड़ थी (शहर वाले तो रात के समय ही जा पाते है )मीडिया ने अपनी टी आर पी तो नहो खोई ,परन्तु अपनी विश्वसनीयता तो जरूर खो दी
                                                      यही शहर वाले जब कनाट प्लेस मे गर्भवती महिला को मरते हुए छोड़ देते है तो किसी को इनकी बेशर्मी पर कोई कुछ नहीं कहता है, क्या सारा कुछ सरकार ही करे, आप एक फोन तो कर सकते थे ताकि उस महिला की जान बच सकती थी पर आप तो शहर के लोग हैं,गरीब गुरबो को तो आपने अपने जीवन से बाहर ही कर दिया है।
                                                    मीडिया यह नहीं कह सकती है की समाज मे गिरावट है तो मीडिया मे क्यों नहीं ? परन्तु यह सर्फ एक्सल का विज्ञापन नहीं है, जिसमे यह कहा जा सकता है की तुम्हारी कमीज से मेरी कमीज सफ़ेद है, आप मीडिया वाले हैं आप पर बड़ी जिमेदारी है।
    आपने फिर पीपली लाइव के राकेश को मार दिया है जो सच मे कुछ ऐसा करना चाहता था जो टी आर पी से अलग कुछ बेहतर हो सकता था.......